मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
नवम बरख बेटी मुखहु ने बोलय
दशम बरख बेटी भेलि उताहुल यो
एगारह बरख बेटी मांड़ब चढ़ि बैसली
करू बाबा कन्यादान यो
कन्यादान कए उठला बाबा
मोती जकां झहरनि नोर यो
किए जो खायब बेटी किए पहीरब
किए देखि रहब आनन्द यो
खीर जे खेबइ बाबा चीर
सिन्दूर देखि रहब आनन्द यो