क्या खोया, क्या पाया के गणित में उलझे
कहा अलविदा जाते वर्ष को
शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के बीच
किया स्वागत नये साल का।
लिए कुछ नये संकल्प
की कुछ कामनाएँ-प्रार्थनाएँ
संजोये कुछ नये स्वप्न।
संकल्प कि
दोहरायें नहीं वे गलतियाँ
जो हुईं जाने-अनजाते बीते बरस में।
कामनाएँ-प्रार्थनाएँ कि
बची रहे रिश्तों-संबंधों की महक
संवेदनाएँ न हों मृत
वैमनस्य बदले प्रेम में
ख़ुशहाल हो बचपन
न हो उपेक्षा, बेकद्री बुज़ुर्गों की।
स्वप्न कि
किसी भी तरह के आतंक से मुक्त
एक खुशहाल और बेहतर दुनिया में
साँस ले सकें हम
इस नए वर्ष में।