मेरे भीतर
एक अंश रावण है
एक अंश राम
एक अंश दुर्योधन है
एक अंश युधिष्ठिर
जी रहा हूँ मैं निरंतर
अपने ही भीतर
अपने हिस्से की रामायण
अपने हिस्से का महाभारत
मेरे भीतर
एक अंश रावण है
एक अंश राम
एक अंश दुर्योधन है
एक अंश युधिष्ठिर
जी रहा हूँ मैं निरंतर
अपने ही भीतर
अपने हिस्से की रामायण
अपने हिस्से का महाभारत