हेनोॅ नेता नै नी चाहियोॅ बाँटेॅ जे इन्सान केॅ धरती बाँटेॅ सागर आरो हिन्दू-मुसलमान केॅ; सूरज बाँटेॅ, चन्दा बाँटे, बाँटेॅ धरम-ईमान केॅ; वोट के खातिर सब कुछ बाँटेॅ की भारत! भगवान के!