कखरो बिजहा ईमान के पता नइये
कखरो सोनहा बिहान के पता नइये।
घर-घर घपटे हे अँधियारी भैया गा
सुरुज हवे, किरन-बान के पता नइये।
पोथी पढ़इया-सुनइया पढ़थयँ-सुनथयँ
जिनगी जिये बर गियान के पता नइये।
करिस मसागत अउ खेती ला उजराइस
किसान के घर धन-धान के पता नइये।