Last modified on 19 मार्च 2015, at 11:25

परख / दीप्ति गुप्ता

देना होगा मेरा साथ
मैं फूल बनूँ या काँटों की डाल
देना होगा मेरा साथ
मैं पतझड बनूँ या बसन्त बहार
देना होगा मेरा साथ
मैं रात बनूँ या दिन उजियार
देना होगा मेरा साथ
मैं तपन बनूँ या बनूँ फुहार
देना होगा मेरा साथ
मैं बनूँ कटुता या बनूँ मिठास
देना होगा मेरा साथ
मैं दर्द बनूँ या बनूँ करार
देना होगा मेरा साथ
मैं आँसू बनूँ या बनूँ सुहास
देना होगा मेरा साथ
मैं जीत बनूँ या बनूँ मैं हार!