परिंदों की तरह
सफर में रहने वाले
ये मजूर
आज इतवार को रूके हैं
उस नीलगूं तलहटी में
वहां दहक रहा है अलाव
आग के चारों तरफ
मदमस्त होकर नाच-गा रहे हैं
ये परिंदे आज पिकनिक मना रहे हैं
परिंदों की तरह
सफर में रहने वाले
ये मजूर
आज इतवार को रूके हैं
उस नीलगूं तलहटी में
वहां दहक रहा है अलाव
आग के चारों तरफ
मदमस्त होकर नाच-गा रहे हैं
ये परिंदे आज पिकनिक मना रहे हैं