सोचो!
तुमने मुझे सोचा और
मैं तुम्हारे समक्ष आ खड़ी हुई
तुम, सोच के
सच होने की कल्पना करो
तुम देखना; मुझ तक आने के
सारे रास्ते
तुम्हारे पैरों में
बिछ जाएंगे
तुम, अपना और मेरा मिलन देखना।
सोचो!
तुमने मुझे सोचा और
मैं तुम्हारे समक्ष आ खड़ी हुई
तुम, सोच के
सच होने की कल्पना करो
तुम देखना; मुझ तक आने के
सारे रास्ते
तुम्हारे पैरों में
बिछ जाएंगे
तुम, अपना और मेरा मिलन देखना।