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पहाड़ियाँ-4 / प्रयाग शुक्ल

पहाड़ियों पर बन गए
ईंट-सीमेंट के मकान !
बिछ गए बहुत से अजनबी तार !
चमकती है कहीं-कहीं
पहाड़ियाँ रात में !

हम सराहते हैं यह दृश्य भी ।
पर ठीक उसी वक़्त
कहाँ से आती है एक कराह
भी ?