गाम नामसँ परिचय - पातहु ग्रामहि शाखा-मूल
व्यक्ति सुमन ग्रामटिका वल्लिक अभिव्यक्ति अनुकूल
भूमि भूमिका स्वयं, भूमि-पृष्ठक की पीठाधार
अपन गुरत्वाकर्षण बल चुम्बित कय सार-असार
तदनुरूप ई भक्ति - बोधिका ग्राम - दर्शिका क्षुद्र
ज्ञान तृतीया दृष्टि - वृष्टि बल हरथु अशुभ शिव रुद्र
अहंकार कय क्षार शुद्ध संस्कार निरंजन ज्योति
सजओ आरती मनोभारती उज्ज्वल अक्षर मोति
उर - दीपिका सिनेह ढरि प्राणक बाती संयोगि
मृण्मयीक शुचि सहज अर्चना, कवि कविता अनुयोगि
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आनल अछि हकारि हम मधुप किरण यात्री कविबंधु प्रसंग
मोहन अमर कलेश शेखरहु आरसीक रस सिन्धु तरंग
कृपा बिन्दु श्रीयुत गिरीन्द्र मोहनक चन्द्र नारायण भक्ति
श्री शशिनाथहु, श्रील रमानाथहुक सरस सौजन्य प्रसक्ति
कविवर सीताराम, वृद्ध जानसीदन, कवि शेखर पद छन्द
सहदेवहु त्रिलोकनाथहु प्राचार्य उपेन्द्र, जीव आनन्द
धर्मराज निरसन जटेश्वरहु दयानाथ कत बुध-मूर्धन्य
कर्म ज्ञान शुचि रामनन्दनक, प्रतिभा रामचन्द्र रुचि घन
जयकिशोर भुवनक रस संभृत, गंगानन्द कुमार अपन
दत्तबन्धु शिवपूजन जीक सहाय सतत दुर्लभ अनुवंध
महारथीक प्रेम-रथ चढ़इत रहलहुँ पहुँचि कला रस-बंध
श्रीनरेन्द्रनाथहु सनाथ, पुलकित सरोज कत धनुष अभंग
सहृद-सुहृद किछु छथिहे किछु गत, किंतु सतत स्मृति वनल तरंग
रुचि सम्बन्ध विश्वनाथहु श्रीकृष्णहु पाल-नवीनहु संग
श्री शैलेन्द्र गोविन्द माधवहु पुनि कत शिक्षक शिष्य प्रसंग
गुणी पंडितक, कवि कोविदक कला संगीतविदक बंधुत्व
मिथिला अंकहि, दरभंगे गहि सरस गाम-बिन्दुहु सिन्धुत्व
मातृक उदयन अयन करियनक श्रीशशिकांत उगंत अनंत
चन्द्रकांत गणनाथ प्रभृति प्रिय जन वर्धित उपेन्द्र रुचिवंत
मिहिर स्वदेश मैथिली मंदिर मिथिला-अंग संघ कत बन्धु
कयलनि तृप्त पहुँचि गामहु घर कय पवित्र दय स्नेहक बिन्दु
लीला रस रघुनाथ सुयश दश योगी नारायण रामहु
नाम अनामहु बिसरल सुमिरल सहचर परिचर अभिरामहु
आइ ग्राम-पूजनक पर्वमे प्रेम प्रसून सभक स्मृति रीति
संचित करइत रहब न वंचित रंजित सुरभित सुमनक प्रीति