Last modified on 16 जुलाई 2010, at 10:09

पुकारने पर / अरुणा राय

पुकारने पर
प्रति-उत्तर ना मिले
तो बाहर नहीं भटकूँगी अब
बल्कि लौटूँगी
भीतर ही

हृदयांधकार में बैठा
जहाँ
जल रह होगा तू

वहीं
तेरी मद्धिम आँच में बैठ
गहूँगी
तेरे मौन का हाथ।