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पुन्याई / कन्हैया लाल सेठिया

कोनी रवै
साथ सुख,
कोनी रवै
साथ दुख,
झड़का‘र हाथ
हुवैला
दोन्यूं निरवाला
जद आवैली बैरण मौत,
रै‘सी सागै मावड़ी
धरती‘र बाप अकास
का करणी री सुवास
जकी कर‘र काल स्यूं खेबी
मरसी पून री सांसां में
अणभूतीजसी जीवंतड़ां री नासां में,
आ बिनां मूल री अमरबेल
बाजै जीव री पुन्याई !