Last modified on 20 अगस्त 2009, at 13:19

पूंजी / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

चुटकी भर मिट्टी
चोंच भर पानी
चिलम भर आग
दम भर हवा

पूंजी है यह

खाने
और लेकर
परदेश जाने के लिए।