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पूजा / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

पूजा
(कविता अंश)
बिल्ली की माँ की विनती ने,
चूहे की मां की विनती को,
रास्ते में ही कर लिया हजम,
उत्तम भोजन से मोटी हो,
जब वह शिवजी के पास गयी,
बोले ‘तथास्तु’ शिव खुश होकर,
फिर क्या! भक्तिन के बच्चे ने मारे
सब पापी इधर उधर।
(पूजा कविता का अंश)