मेरे पास बहुतों के हाथ है
जिन्हें देखता हूँ
पलटता हूँ
परखता हूँ
और
बोनस-बन्दी की
कंजूस घोषणाओं के बीच
अपना खाली हाथ
उन हाथों में भर देता हूँ
ताकि हर बन्दू मुट्ठी को
अपने खालीपन का
एहसास न हो।
मेरे पास बहुतों के हाथ है
जिन्हें देखता हूँ
पलटता हूँ
परखता हूँ
और
बोनस-बन्दी की
कंजूस घोषणाओं के बीच
अपना खाली हाथ
उन हाथों में भर देता हूँ
ताकि हर बन्दू मुट्ठी को
अपने खालीपन का
एहसास न हो।