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पूर्णता / संगीता गुप्ता


तन - मन
आत्मा, वाणी
सब पारदर्शी हुए

मौन, शब्द
दोनों मुखर
लयबद्ध हुए

मेरे बेटे
एक तुम्हारे आने से