पेड़ों की भी अपनी दुनिया है
अपना एक समाज
उन्हें भी भोजन चाहिए, पानी चाहिए
हवा चाहिए, धूप चाहिए
और चाहिए तनकर खड़ा होने के लिए
थोड़ी-सी जगह
अपना सुख-दुख बतियाने के लिए
रिश्ते-नाते, पड़ोसी भी
निरन्तर अकेले पड़ते जा रहे पेड़
पूछते हैं हमसे
अगर उनकी तरह हमें भी
बिना रिश्ते-नाते-पड़ोसी के
अकेले रहना पड़े कहीं
तो कैसा लगेगा हमें ?