"जोरहट" में, एक दफ़ा
दूर उफ़ुक के हलके हलके कोहरे में
'हेमन बरुआ' के चाय बागान के पीछे,
चान्द कुछ ऐसे रखा थ,-- --
जैसे चीनी मिट्टी की,चमकीली 'कैटल' राखी हो!!
"जोरहट" में, एक दफ़ा
दूर उफ़ुक के हलके हलके कोहरे में
'हेमन बरुआ' के चाय बागान के पीछे,
चान्द कुछ ऐसे रखा थ,-- --
जैसे चीनी मिट्टी की,चमकीली 'कैटल' राखी हो!!