राधा बनकर
जो प्यार
पाया मैंने
रुक्मिणी बन
न पा पाती
रुक्मिणी तेरा प्यार
रहा घर के अंदर
राधा का प्यार
महका बन कर
शहर-शहर ।
राधा बनकर
जो प्यार
पाया मैंने
रुक्मिणी बन
न पा पाती
रुक्मिणी तेरा प्यार
रहा घर के अंदर
राधा का प्यार
महका बन कर
शहर-शहर ।