Last modified on 17 मार्च 2022, at 22:27

प्रगति / संतोष अलेक्स

उसके घर की छत को
चूमनेवाला वृक्ष अब नहीं रहा
स्‍कूल की ओर की पगडंडी
विस्‍तार पा गया
खेतों की जगह पर
समतल मैदान हैं
वहां फेन्‍स पर बोर्ड टंगा है
“साइट फार सेल”  
घुटनों पर लगानेवाली मरहम की पत्तियाँ 
व झाड- फूस ने किताबों में जगह बना ली
पनघट की टूटी- फूटी सीढ़ियाँ  
अब किसी का इंतज़ार नहीं करती
सीढ़ियों  पर बैठकर वह मुस्‍कुराया
उसके मुस्‍कुराहट में दूर तक फैली सूखी नदी थी