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प्राथमिक शिक्षक-4 / प्रभात

4.
अरे ऐ लड़के टाइम क्या हो गया
घण्टी समै पर लगा दी थी तुमने ?
लगा दी थी, बढिया
सब कमरों के ताले खोले ? सफाई की ?ठीक
प्र-थाना हो गई ? ठीक

दो घण्टे हो गए कोई पीछे से आया तो नहीं था न ?
ठीक

अच्छा अब ऐसा करो
गंगाराम को आज डाक बणाणी है
भौत काम है
पोसारवाड़ी आई कि नहीं ?
आ गई ? ठीक
क्या बणारीअ
कढी ? ठीक

आज के अखबार ला दो
और सब बच्चे उसी कल वाड़े
पेड़ के नीचे बैठकर गिणती बोलो
तू बुलवाणा सौ तक की कम्पलेट
पैलै हिन्दी में फिर इंगलेसी में

और डण्डा टेबल के ऊपर रख देणा मैं आराऊँ
चल डण्डे को टेबिल के नीचे रख देणा
आजकल आरती-ए जाणें क्या आ गया है
अब आ गया तो आ जाणें दे
तू ऐसा कर ऊपरई रख देणा
होगी जो देखी जाएगी
समज में तो आए आया क्याअै
सब बच्चों से खैणा मुंह पर उंगली रखकर बोलें
किसी की मुंह से उंगली हटे तो बताणा
ओके अब जा

सुण ऐसा कर दो दरीपट्यिों को मिला कर इधर
बरण्डे में छाया में बिछा दे
और भागकर पुस्तकालय से
दोचार किताब उठा ला सिराणे के लिए
अब जा बेटा

हे राम हे राम
हे राम तेरी मर्जी
तू असली हम फर्जी
एक बात है अखबार भी क्या चीज बणा दीअै
कुछ भी देखो फिल्मी चित्र
सोने चांदी का भाव
पिलाट सिलाट की सूचना सब घर बैठे
कौड़ियों के मोल अबे-लेबल

राम-राम क्या जमाना आ गया
हिंसा चोरी डकैती बलत्कार के अलावा कुछ नहीं
चारों तरफ
समझ में नहीं आता
क्या होगा इस देस का ?

अरे तुम दोनों बच्चे फिर आ गए
जब तुम दो मिन्ट सांती के साथ बैठकर पढ़ ही नहीं सकते
क्यों आते हो स्कूल ?
क्यों अपणा और अपणे घरवाड़ों का समै खराब कररे हो
मुझे पता है नहीं पढ़ सकते तुम लोग
तुम्हारी सात पीढ़ी नहीं पढ़ी
तुम कैसे पढ़ोगे मेरे बाप
इधर आ
चल इधर आ
हाथ आगे कर
भगवान भी आ जाए न भगवान भी
तो तुझे नहीं पढा सकता
मैं तो चीजई क्याऊँ
क्योंकि तू तो वो चीजअै जो मैं भी नहींऊँ

तू भी हाथ आगे कर
जादा रोणा-धोणा है तो अपणे घर जाके करणा ये रिहर्सेल
ये तो कुच्छ भी नहीं है कुच्छ भी
हमारे जमाने में प.रामनराण शास्त्री पेड़ से
उल्टा लटका देते थे क्या ?
आंसू मत टपकाओ
इसे तो प्यार मानो प्यार
जाओ जाकर बैठो कक्सा में

और तू इधर सुण
किसी इंटलिजेंट से लड़के को भेज
कहीं भेजणा है बाहर
अब तुझे तो क्या भेजूं
पांचूई में आ गया
ऊँट की नांई बढ़ गया
पांच सौ पांच और पांच सौ पांच कितने हुए
बता सकता है ?
नहीं न
यही तो मैं खैराऊँ
अल्लातालाई मालिक है तुमारा
मेरे समझ में नहीं आता
घरवाड़े ध्यान नहीं दे सकते बच्चों पर
तो पैदा क्यों कर देते हैं
अरे ये कोई गोड गिफ्ट थोड़े है
खैर तू जा यार दफा हो
दफा हो लेकिन कभी तीन सौ दो मत हो जाणा मेरे मालिक
आजकल स्कूलों पै वैसे ही ताले लगवा रहे हैं लोग
करे आंगणवाड़ी की सिस्टर
भरे मास्टर

और सुण सरिता को बोलणा
पाणी लेकर आएगी हैडपम्प से मांज कर
कौणसी वाड़ी सरिता को बोलेगा ?
सरिता चतुर्वेदी को
हां जा अब ठीक