वह सुनता है
प्रार्थना
खाली नहीं लौटाता
कभी
प्रार्थित हाथ
पर
क्या जानते हैं
वे हाथ
प्र्रार्थना हो सके थे
स्वयं भी
किसी एक पल में
वह सुनता है
प्रार्थना
खाली नहीं लौटाता
कभी
प्रार्थित हाथ
पर
क्या जानते हैं
वे हाथ
प्र्रार्थना हो सके थे
स्वयं भी
किसी एक पल में