कच्ची मिटटी था
गढ़ा पकाया
समर्पण और विश्वास की आंच पर
रिश्ता
पका हुआ
सौंप दिया तुम्हें अब कहते हो तुम कि
पकी फसल की तरह होता है
पका रिश्ता
कच्ची मिटटी था
गढ़ा पकाया
समर्पण और विश्वास की आंच पर
रिश्ता
पका हुआ
सौंप दिया तुम्हें अब कहते हो तुम कि
पकी फसल की तरह होता है
पका रिश्ता