पूरी उम्र
लिखती रही मैं
एक ही
प्रेम-कविता
जो पूरी नहीं हुई
अब तक
क्योंकि
इसमें मैं तो हूँ
तुम ही नहीं रहे
क्या ऐसे ही अधूरी रह जाएगी
मेरी प्रेम-कविता...।
पूरी उम्र
लिखती रही मैं
एक ही
प्रेम-कविता
जो पूरी नहीं हुई
अब तक
क्योंकि
इसमें मैं तो हूँ
तुम ही नहीं रहे
क्या ऐसे ही अधूरी रह जाएगी
मेरी प्रेम-कविता...।