गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 5 नवम्बर 2009, at 23:17
प्रेम-4 / अर्चना भैंसारे
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
अर्चना भैंसारे
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
कैसे सुन लेते हो
तुम
गहरी नींद में भी
मेरे पैरों की आहट
और जाग जाते हो
आधी रात गए
बिना चौंके...