गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 24 जनवरी 2010, at 20:02
प्रेम / रंजना जायसवाल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
रंजना जायसवाल
»
मछलियाँ देखती हैं सपने
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
प्रेम
धरती पर लहलहाती
फसलों जैसा
रेशम-सी कोमल
भाषा जैसा
जिसे सुनती है
ज़मीन।