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बच्चा / सदानंद सुमन

बहुत शैतान है
बहुत हठी है
जिसके लिए करो मना
उसी के लिए
अड़ता है बच्चा!

उसे नहीं मालूम
कि टॉफियाँ
उसके लिए नहीं है
कि खिलौने
अय्याशी की चीज है
कि रेशम-सा मुलायम-गुदगुदा
नहीं है वह

रात पाली में खटता उसका बाप
महीने का पूरा
राशन नहीं जुटा सकता
कपड़े
नहीं जुटा सकता
किताब-कॉपी
नहीं जुटा सकता

फिर भी मचले वह
मिठाई को
टॉफी को
खिलौने को
बेपर्दा
बेपानी करने करने को
कितना शैतान
कितना हठी है बच्चा!