बड़ी-बी दरवाजा खोलो
तुम्हारा पान
घुँघरू, खत लाने में हुई मुझसे देरी बहुत
'हम नहीं जानते तुम कौन हो
बड़ी-बी हाथ में खत लिये
मुंँह में पान चबाए
छमछम करती दहलीज पर आ
हैरान थी
'हमने अपने मरने का दिन तय कर रखा था
हमने समझा वह आ गया है
कहती बड़ी-बी मेरी आँखों में झांक रही थी
'ठीक है गडढा ठीक ही खुदा है
कहती वे उतरीं और एक मुट्ठी मिट्टी
हमें दे गयीं