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बत्तख / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

बत्तख बत्तख! ऊपर आओ
पानी से निकलो आ जाओ
काली गोरी सूरत वाली
कू कू-कू कू करने वाली
कभी घूमती हो धरती पर
जल में कभी फुलाती हो पर
कभी तैरती कभी किलकती
आओ तुम मुझ तक आ जाओ
आओ आओ-आओ आओ
अपना भोजन लेती जाओ