Last modified on 1 दिसम्बर 2011, at 15:47

बर्फ-सिरोपा / नंदकिशोर आचार्य


उतरती है बर्फ
पूरे दृश्य पर
सब कुछ ढँका ही नहीं
रूक भी गया है हिमवत्

दो ही चल रहे हैः

बर्फ से नीचे
ऊपर से नीचे को आता वह सोता
बर्फ के ऊपर
नीचे से ऊपर को
-बोझ पीठ पर, हाथ काँख में, झुका हुआ
वह चला जा रहा पहिने बर्फ-सिरोपा

(1977)