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बसन्त पंचमी / नित्यानंद पांडेय

आ गये बसंत पंचमी, तोर मान बड़ाई कोन करै
द्वापरजुग के कुरक्षेत्र होईस एक महाभारत
कौरव मन के नाश कर देईस अर्जुन वान मा मारत।
बड़का बड़का का बीर ढलंग गे बेच बचाव ल कौन करे ।1।

तहूं सुने होवे भारत म रेल मा कतका मारिन मनखे
ओकर दुख ल नई भुलायेन भुईया धसकगे मरंगे मनखे।
बरफ गिरे ले अकड़िन कतका, तेकर गिनती कौन करै ।2।

अर्जुन नई हे अब द्वापर के शब्द ला सुन के मारै बान
कलिजुग के अर्जुन लंग नई हे ओ गांडीव तीर कमान।
बान चलावत बाया भुलागे, दांवाला कोन शांत करै ।3।

चारो कती ले देश घेराये, जगह जगह मां कांटा हे
राजनीति के हार जीत मा काकर कतका बांटा है।
तहीं बता अब बसन्त पंचमी तोर मान बड़ाई कौन करै । 4।

शिशिर लगे, सिसियात हे कोईली ठंडा मा कठुवाये
सेम्हर अभी न फूले संगी मौहा नई कुचियाये।
मलयागिर के पवन महकही तब मान बड़ाई नित्य करै
आ गये बसन्त पंचमी तोर मान बड़ाई कौन करै ।5।