Last modified on 19 फ़रवरी 2020, at 13:05

बाड़े अंजोर / शार्दूल कुशवंशी

अद्भुत अलबेला बाडू, घर के अकेला बाडू...
हमरो जिनिगिया के, तू हू जे पेडा बाडू...

तोहरे से घरमा हमार, बाड़े अँजोर हो।
सरग नियन लागेलडुए, कातिक के भोर हो।
तू हू हमार चनवा हऊ, दिल के अरमनवा हऊ।
हमरो जिनिगिया के, बियफईया जे तारा हऊ।
सूरजदेव से मांगी हम~, टिकुली के जोत लाल~।
अद्भुत अलबेला बाडू, घर के अकेला बाडू...
हमरो जिनिगिया के ...

मटिया के घर बाड़े, फुसवा के छान्ह हो।
तोहरे सुघराई बाटे, अगिया के दान हो।
छमछम पयेलवा के, आँख के कजरवा के;
अँखियाँ के लाज तोहर, हमार सिरवा के मान हो।
होठवा के तोहार, पानवा जे लाल हो।
अद्भुत अलबेला बाडू, घर के अकेला बाडू।
हमरो जिनिगिया के...

सांझ-दुपहरिया, घर-बधरिया।
सरसों के फूल नियन, तोहरो चदरिया।
दुअरा के दीपक के, तू हू त बाती हऊ।
लईकन के गांती नियन, तू हमार गांती हऊ।
ललटेन के रोशनिया में, चमकेली दुनू अँखियाँ।
लोरवा के बूँद में, इअाद आवस सखी रे सहेलिया।
जा धनिया जा तू, घूम आव गईंया।
भले अकेले रहिहन, तोहरो ई सईंया।
अद्भुत अलबेला बाडू, घर के अकेला बाडू।
हमरो जिनिगिया के...