गलियों में घूमा करते हैं,
दाढ़ी वाले बाबा जी।
इकतारे पर गाते रहते,
जाने क्या-क्या बाबा जी।
माँ जब उनको आटा देती,
शंख बजाते बाबा जी।
गलियों में घूमा करते हैं,
दाढ़ी वाले बाबा जी।
इकतारे पर गाते रहते,
जाने क्या-क्या बाबा जी।
माँ जब उनको आटा देती,
शंख बजाते बाबा जी।