तपती दुपहरी से,
जलती हुई धरती से
प्यासे नैनो से
सुखे रैनो से
पूछो बारिश क्या है ?
रूखे बालों से
सूखे खयालों से
मुरझाए पौधो से
चातक के सौदो से
पुछो बारिश क्या है ?
अतृप्त कंठों से
गर्मी में व्यतीत घंटो से
प्रेमी के हृदय से
मीठे समय से
पूछो बारिश क्या है ?
जीवन की अंतिम बेला से
उमस भरी रैना से
कुम्हार के मटके से
लू के झोंके से
पूछो बारिश क्या है ?