बिजली गिरती है
और एक हरा पेड़ काला पड़ जाता है
फिर उस पर न पक्षी उतरते हैं
न वसन्त
एक दिन एक बढ़ई उसे काटता है
और बैलगाड़ी के पहिये में
बदल देता है
दुख जब बिजली की तरह गिरता है
तब राख कर देता है
या देता है नया एक जन्म।
बिजली गिरती है
और एक हरा पेड़ काला पड़ जाता है
फिर उस पर न पक्षी उतरते हैं
न वसन्त
एक दिन एक बढ़ई उसे काटता है
और बैलगाड़ी के पहिये में
बदल देता है
दुख जब बिजली की तरह गिरता है
तब राख कर देता है
या देता है नया एक जन्म।