बिल्लो रानी, कहाँ चली,
कहाँ चली जी, कहाँ चली?
मैं जाऊँगी बड़े बजार,
खाऊँगी अब टिक्की चार।
सुना, वहाँ की चाट गजब है,
टिक्की का तो स्वाद अजब है।
मैं जाऊँगी झटपट-झटपट,
दूध पिऊँगी आकर झटपट।
बिल्लो रानी, कहाँ चली,
कहाँ चली जी, कहाँ चली?
मैं जाऊँगी बड़े बजार,
खाऊँगी अब टिक्की चार।
सुना, वहाँ की चाट गजब है,
टिक्की का तो स्वाद अजब है।
मैं जाऊँगी झटपट-झटपट,
दूध पिऊँगी आकर झटपट।