Last modified on 26 अक्टूबर 2012, at 22:19

बींठ (1) / सत्यनारायण सोनी

 
सफेद झक
उजले-उजले
वसन पहन
निकला मैं घर से
उपमा दी लोक ने-
'चिड़ी की बींठ सरीखा।'

विष्टा में भी
सुंदरता के दर्शन!
वाह रे, गजब सौंदर्यबोध।

2005