Last modified on 25 मार्च 2016, at 21:29

बीकानेर-1 / सुधीर सक्सेना

हवेलियों की नगरी है बीकानेर
बीकानेर है तो हवेलियां हैं
हवेलियां है तो बीकानेर है
बीकानेर में हवेलियां हैं
हवेलियों में वैभव
वैभव में दीप्त स्मृतियां
हवेलियों का अंतरंग हवेलियों में कैद है
हवेलियों को कपाटों के खुलने का इंतजार है
हवेलियों की आंखों में टिमटिमाता है आस का दिया
आहिस्ता-आहिस्ता मद्धिम
अच्छवास छोड़ती है
बीकानेर की हवेलियां