बीतल आध फागुन!
चिबा चिबा कँऽ आमक मज्जर
कोइली सूर पिजाबए
भन भन भन मधुमाछी भनकए
चिप चिप करइछ दूबि
बचा बचा कँऽ पैर चलइए नेना-भुटका
मधुआ लागल पात चटइए बीछि बीछि कँऽ
उज्जर - पीअर - लाल - कषिश - लिधुराह
रंग बिरंगक मजर देखि कँ
आँखि हमर अगधैल
पतिचोभक ओइ कैल
बीतल आध फागुन!