न शब्द कागज़ पर,
न दिल शरीर में,
उड़ रहे हैं दोनों,
बेठिकाना...
न कागज पर कविता,
न दिल में चैन,
बेसबब उड़ान भरते,
दो परिंदे,
पर कटवाने को बैचेन...
न शब्द कागज़ पर,
न दिल शरीर में,
उड़ रहे हैं दोनों,
बेठिकाना...
न कागज पर कविता,
न दिल में चैन,
बेसबब उड़ान भरते,
दो परिंदे,
पर कटवाने को बैचेन...