सोचती हूँ
जिस दिन
तेरे मन के
आंगन मैं
सूरज का पुरोहित
पूरी पिचकारी
भर कर
तुझ पर उड़ेल देगा
अपने रंगों का
अबरक भरा
झिलमिलाता गुलाल ...
उस दिन
मेरे आंगन में
नया सूरज
उग जाएगा ...
सोचती हूँ
जिस दिन
तेरे मन के
आंगन मैं
सूरज का पुरोहित
पूरी पिचकारी
भर कर
तुझ पर उड़ेल देगा
अपने रंगों का
अबरक भरा
झिलमिलाता गुलाल ...
उस दिन
मेरे आंगन में
नया सूरज
उग जाएगा ...