बैरीसाल फतेहपुर जिले के एक ब्राह्मण वंश में उत्पन्न हुए। ये अत्यंत शिष्ट और नम्र स्वभाव के थे। इनकी केवेल 'भाषा-भरण नाम की एक पुस्तक मिलती है, जिसकी अधिकांश रचना दोहों में है। इनके दोहों में सरसता, भाव तरलता तथा अनूठापन है। ये बिहारी के उत्कृष्ट दोहों की टक्कर के ज्ञात होते हैं।