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बैल बियावै, गैया बाँझ / 77 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

गुरू बन्दरें
चेला-चटिया केॅ पढ़ैतेॅ पुछलकै-
पीठ पीछू छुरा भोंकवोॅ
मुहावरा के की मतलब छेकै?
एक चटियां उठी केॅ कहलकै-
ई तेॅ आदमी लेली बनलोॅ छै
एका सेॅ हमरा सब बन्दर के की मतलब।

अनुवाद:

बंदर शिक्षक ने
बच्चों को पढ़ाते हुए कहा-
पीठ पीछे छूरा भोंकना
मुहावरे का क्या होता है मतलब?
एक बच्चे ने उठकर कहा-
यह तो आदमी के लिए बनाहै
इससे हम बंदरों को क्या है मतलब?