कुछ लोग गाल बजा रहे थे
कुछ ने साध ली थी चुप्पी
एक बौद्धिक गुंगों की गोष्ठी में
बौद्धिकता से आतंकित कर रहा था
तभी रामजी बाबा जोर से चिल्लाए-
"बड़ पढ़ुआ से बड़ भड़ुआ।"
कुछ लोग गाल बजा रहे थे
कुछ ने साध ली थी चुप्पी
एक बौद्धिक गुंगों की गोष्ठी में
बौद्धिकता से आतंकित कर रहा था
तभी रामजी बाबा जोर से चिल्लाए-
"बड़ पढ़ुआ से बड़ भड़ुआ।"