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भय / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

बेंगे ने
बेंगनी सें कहलकै
आदमी
अपनोॅ आदमीयत छोइड़ रहलै
तबेॅ आदमी केॅ
आदमी नै
कोनो दूसरो नाम सें एक समय ऐत्तेॅ पुकारल जैतै
आदमी शब्द लुप्त होय जैतै।