Last modified on 28 मार्च 2021, at 23:45

भालू / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

भालू एैले, भालू एैले
कारोॅ-कारोॅ, भालू एैले

साथोॅ में एक मदारी छै
हाथोॅ में एक पिटारी छै

खिसियावै छड़ी दिखाबै छे
मनचाहा नाच नचावै छै

देखी सबके मन हरसैलेॅ
भालू एैले, भालू एैले

नाथोॅ सें नथलोॅ छै भालू
डोरी में बँधलोॅ छै भालू

बच्च सबके पीछू फँूकै
सबके रोग भगावै भालू

बुतरू ताली पीटै उछलै
भालू एैले, भालू एैले