घोंघा बस अड़ गया ।
चाहे कहें- ’लड़ गया’
चाहे- ’जकड़ गया ।’
बात सिर्फ़ इतनी थी कि
जीवन का सीधा-सा नियम :
’चलो, चलते ही रहो ।’-
भूल,
घोंघा जब पड़ गया :
होना यही था-
वह सड़ गया
घोंघा बस अड़ गया ।
चाहे कहें- ’लड़ गया’
चाहे- ’जकड़ गया ।’
बात सिर्फ़ इतनी थी कि
जीवन का सीधा-सा नियम :
’चलो, चलते ही रहो ।’-
भूल,
घोंघा जब पड़ गया :
होना यही था-
वह सड़ गया