झीणी झीणी
मुल मुल सरीसै
मुलायम मिनखाचारै नै
बीड़ सरीसी झीड़ भरै सैरां में
आंख फोड़, अकडोडिया
धतूरां अर बंवळियां रै
सागै रैणो पड़सी
किनखै हाळी चादर ज्यूं
मानखो
झाड़का ऊं झूरड़ीज‘र सुरड़ीज‘र
कितराक दिन चालसी
बांठकां रै ऊपर नाख्योड़ै
मुलायम बटकै रै
खांपो तो लाग ही सी।
आंगणै रो अमूजो
धरती पर
झम्पोड़ बण‘र फूटसी
बारलो मौसम
मांयलै अमूजै री
रोकथाम करण
कद आडो आयो
कद आडो आसी।
आरसी देखणै री धारसी
देखसी आंगणै रो मूंडो
नूंतसी आपरै आपै पर
अण गिणती री तेड़ां
अर तिड़क्योड़ो आरसी
बणसी बगत रो
मूंडै बोलतो इतिहास।