मजदूर
हाट पर खड़ा मांस का जिन्स
ठेकेदार
आंखों में तराजू लिए
इस मांस का वज़न लेता है
और क़ीमत लगाता है एक दिन की
उस दिन वह मांस
ठेकेदार का कहा मानेगा
पिसेगा सीमेन्ट कंक्रीट के ढेर में
और शाम को
खुद को समेटता घर लौटेगा
उस शाम
उसकी पत्नी
उसके बच्चे
और वह खुद
उसके मांस के एक दिन बिक जाने का
रोटी खाकर
जश्न मनाएंगे।