मार देखो
मौन टूटेगा न घन से
वह पला है धैर्य बन के
इस हृदय में
- और तन में
साँस में
- मेरे नयन में ।
मार देखो
गीत टूटेगा न घन से
वह बना है प्राणपन से
दाह-दव में शुद्ध मन से
नेह के
- नाते वचन से ।
मार देखो
मौन टूटेगा न घन से
वह पला है धैर्य बन के
इस हृदय में
साँस में
मार देखो
गीत टूटेगा न घन से
वह बना है प्राणपन से
दाह-दव में शुद्ध मन से
नेह के